Description
सामवेद के छांदोग्य उपनिषद में ऋषि सत्यकाम जाबाल की दिलचस्प कहानी के बारे में बताया गया है। इस वीडियो में हम आपको ऋषि सत्यकाम जाबाल के अनसुने सच दिखाने वाले है Don't forget to Share, Like & Comment on this videoSubscribe Our Channel Artha : https://goo.gl/22PtcY १ ऋषि सत्यकाम एक वैदिक संत थे, जिन्हें ब्राह्मणत्व का सच्चा और पवित्र अनुभव था२ अपनी बाल आयु में, ऋषि सत्यकाम ब्राह्मण गुण, धर्म और तपस्या के मार्ग को जानने के लिए उत्सुक थे३ अधिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए, सत्यकाम, ऋषि हारिद्रुमत गौतम के पास गए और ब्रम्हचर्य पाने के लिए उनके आश्रम में रहने के लिए विनंती की ४ उनकी मां का नाम जबाला था जो ग्वालण थी, और बहुत कम लोग जानते है कि ऋषि सत्यकाम ने अपने पिता के बजाय अपनी मां का नाम रखा था ५ जबाला उपनिषद और सामवेद-छांदोग्य उपनिषद के अनुसार, सत्यकाम जाबाल को वैदिक ऋषि के रूप में पहचाना जाता है, जो ज्ञान के साधक थे६ प्राचीन सनातन धर्म के ग्रंथों में उनकी कहानी "मातृ देवता" के मूल स्वरूप और हर व्यक्ति के अपनी माँ के प्रति कर्तव्यों को समझाती है ७ सत्यकाम को अपनी प्रमाणिकता के कारण शिष्य के रूप में स्वीकारा गया था, जो की ब्राह्मण अर्थात ब्रह्म विद्या के सच्चे साधक का एक प्रतीक थे ८ सत्यकाम को ऋषि गौतम ने उपाध्याय की उपाधि दी थी, जिसके बाद ऋषि गौतम ने सत्यकाम को खेतों में ब्रह्म विद्या को स्वाभाविक रूप से सीखने के लिए भेज दिया था९ इस अवधि में, सत्यकाम ने बैल, अग्नि, हंस, और गोताखोर पक्षी (मद्गु) के साथ बातचीत की, जो वायु, अग्नि,आदित्य और प्राण के प्रतिनिधि थे१० वैदिक युग के यह तथ्य दिलचस्प है की नहीं ? जहां व्यक्ति के गोत्र के बजाय उसके गुणों को महत्त्व दिया जाता था। आपको यह वीडियो कैसा लगा हमें कमेंट बॉक्स में बताइये और अर्था चॅनेल से जुड़े रहेंLike us @ Facebook - https://www.facebook.com/ArthaChannel/ Check us out on Google Plus - https://goo.gl/6qG2sv Follow us on Twitter - https://twitter.com/ArthaChannel Follow us on Instagram -https://www.instagram.com/arthachannel/ Follow us on Pinterest - https://in.pinterest.com/channelartha/ Follow us on Tumblr - https://www.tumblr.com/blog/arthachannel