दुर्गम पर्वत मारग पेनिज सेवक के संग आइये स्वामीभक्त के कांधे पे आन विराजिएभक्त का मान बढाईये स्वामीऐसे भक्त कहाँ कहाँ जग में ऐसे भगवानऐसे भक्त कहाँ कहाँ जग में ऐसे भगवानकांधे पर दो वीर बिठा कर चले वीर हनुमान ओह ओओ कांधे पर दो वीर बिठा कर चले वीर हनुमानराम पयो ग़ज हनुमत हंसाअति प्रसन सुनी नाथ प्रशन्न सानिश दिन रेहत राम के द्वारेराम महा निध कपि रखवालेरामचंद्र हनुमान चकोराचितवत रेहत राम की ओराभक्त शिरोमणि ने भक्त वत्सलं को लिया पहचानभक्त शिरोमणि ने भक्त वत्सलं को लिया पहचानकांधे पर दो वीर बिठा कर चले वीर हनुमान ओह ओओ कांधे पर दो वीर बिठा कर चले वीर हनुमानराम लखन अरु हनुमंत वीरामानहु पारथी संमुत हीरातीनो होत सुसोभित ऐसेतीन लोक एक संग हो जैसेपुलकित दास नैन जलछायोअक्श नीर सुख हनुमंत पायोआज नहीं जग में कोई बजरंगी सा धनवानआज नहीं जग में कोई बजरंगी सा धनवानकांधे पर दो वीर बिठा कर चले वीर हनुमानओह ओ कांधे पर दो वीर बिठा कर चले वीर हनुमानविद्यावान गुणी अति चातुरराम काज करिबे को आतुरआपन तेज सम्हारो आपैतीनों लोक हांक तें कांपैदुर्गम काज जगत के जेतेसुगम अनुग्रह तुम्हरे तेतेप्रभुवर से मांगो सदा पद सेवा को वरदानप्रभुवर से मांगो सदा पद सेवा को वरदानकांधे पर दो वीर बिठा कर चले वीर हनुमानओह ओ कांधे पर दो वीर बिठा कर चले वीर हनुमानओह ओ कांधे पर दो वीर बिठा कर चले वीर हनुमान#Hanuman #RamayanSong #BhaktiGeet #Bhajan #Tilak